Friday, March 10, 2017

बुध-आदित्य राज योग

सूर्य और बुध जब होते हैं एक साथ तो इनकी इस युति को बुध आदित्य योग बोला जाता है।
इस योग का शुभ प्रभाव जातक को बुद्धि, विशलेषणात्मक क्षमता, वाक कुशलता, संचार कुशलता, नेतृत्व करने की क्षमता, मान, सम्मान, प्रतिष्ठा तथा ऐसी ही अन्य कई विशेषताएं प्रदान करता है।
शुभ बुध आदित्य योग के जातक मे एक बात खूब देखी जाती है इनका लेखन बहुत अच्छा होता है यह पुस्तक पढ़ने मे बहुत रूचि लेते है इनके पास पुस्तको का संग्रालय होता है।
शुभ बुध आदित्य योग के जातक लेखक, गणित, ज्ञान विज्ञानं, चिकित्सा, बैंक कर्मचारी और ज्योतिष ज्यादा देखे जाते है।
बुध सूर्य के सबसे समीप रहता है तथा बहुत सी कुंडलियों में बुध तथा सूर्य एक साथ ही देखे जाते हैं। जिसका अर्थ यह हुआ कि इन सभी कुंडलियों में बुध आदित्य योग बन जाता है। जिससे अधिकतर जातक इस योग से मिलने वाले शुभ फलों को प्राप्त करते हैं
जो की ऐसी वास्तविक जीवन में देखने को नहीं मिलती क्योंकि इस योग के द्वारा प्रदान की जाने वालीं विशेषताएं केवल कुछ विशेष जातकों में ही देखने को मिलतीं हैं।
इसलिए यह कहा जा सकता है कि बुध आदित्य योग की परिभाषा अपने आप में पूर्ण नहीं है तथा किसी कुंडली में इस योग का निर्माण निश्चित करने के लिए कुछ अन्य तथ्यों के विषय में विचार कर लेना भी आवश्यक है।
अब हम यह भी जानते हैं कि बुध आदित्य योग कब कब फलित नहीं होता है:
1 :- बुध + सूर्य तुला राशि पर हो ! क्यों की तुला राशि पर सूर्य नीच का हो जायेगा।
2:- बुध + सूर्य मीन राशि पर हो ! क्यों की बुध मीन राशि पर नीच का हो जायेगा।
3 :- बुध + सूर्य के साथ किसी तीसरे ग्रह की युति हो तब भी यह योग पूर्ण रूप से फलित नहीं होगा।
4 :- बुध + सूर्य युति मे बुध वक्री हो या पूर्ण अस्त हो।
5 :- बुध + सूर्य की युति छठे , आठवें या बारवे भाव मे हो।
6:- बुध + सूर्य की युति हो और शनि की सूर्य पर दृष्टि हो।
एक बात प्रमुख रूप से कहना चाहूंगा कि यह युति सप्तम भाव मे बहुत ख़राब होती है सप्तम भाव मे यह युति जातक का वैवाहिक जीवन तहस नहस कर देती है, सप्तम भाव मे सूर्य गर्म मिजाज जीवन साथी देता है, बुध जीवन साथी को जातक से जयदा चतुर और चंचल झगडालू बना देता है।

अब इस योग के प्रभाव को कुंडली के प्रत्येक भाव से देखना प्रारम्भ करते है:
1 :- कुंडली के पहले घर अर्थात लग्न में स्थित बुधादित्य योग जातक को मान, सम्मान, प्रसिद्धि, व्यवसायिक सफलता तथा अन्य कई प्रकार के शुभ फल प्रदान कर सकता है। जातक बहुत बुद्धिशाली और चतुर होता है ऐसा जातक कभी कभी बहुत अहमी हो जाता है।
2 :- कुंडली के दूसरे घर में बनने वाला बुध आदित्य योग जातक को धन, संपत्ति, ऐश्वर्य, सुखी वैवाहिक जीवन तथा अन्य कई प्रकार के शुभ फल प्रदान कर सकता है।
3 :- कुंडली के तीसरे घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक को बहुत अच्छी रचनात्मक क्षमता प्रदान कर सकता है। जिसके चलते ऐसे जातक रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त तीसर घर का बुध आदित्य योग जातक को सेना अथवा पुलिस में किसी अच्छे पद की प्राप्ति भी करवा सकता है।
4 :- कुंडली के चौथे घर में स्थित बुधादित्य योग जातक को सुखमय वैवाहिक जीवन, ऐश्वर्य, रहने के लिए सुंदर तथा सुविधाजनक घर, वाहन सुख तथा विदेश भ्रमण आदि जैसे शुभ फल प्रदान कर सकता है।
5 :- कुंडली के पांचवे घर में बनने वाला बुध आदित्य योग जातक को बहुत अच्छी कलात्मक क्षमता, नेतृत्व क्षमता तथा आध्यातमिक शक्ति प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसा जातक अपने जीवन के अनेक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है। जातक बुद्धिशाली होता है संतान का भी उच्च पद पर जाने के संकेत होता है।
6 :- कुंडली के छठे घर में स्थित बुधादित्य योग जातक को निडर बनाता है शत्रु दब कर रहते है। कोई भी शारीरिक बीमारी जल्दी नहीं लगती है। शत्रुओ से विजय प्राप्त करता है।
7 :- कुंडली के सातवें घर का बुध आदित्य योग जातक को फायदा ना देकर उसके जीवन साथी को फायदा देता है। क्यों की सप्तम भाव जीवन साथी का है। यहां यह योग, योग ना बनकर दोष बन जाता है। यहां बुध आदित्य योग वैवाहिक जीवन को नीरस बना देता है।
8 :- कुंडली के आठवें घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक को किसी वसीयत आदि के माध्यम से धन प्राप्त करवा सकता है तथा यह योग जातक को आध्यात्म तथा परा विज्ञान के क्षेत्रों में भी सफलता प्रदान कर सकता है।
9 :- कुंडली के नौवें घर में बनने वाला बुध आदितय योग जातक को उसके जीवन के अनेक क्षेत्रों में सफलता प्रदान कर सकता है और भाग्य का पूर्ण साथ मिलता है। थोड़ी मेहनत से ही कार्य बन जाते है तथा इस योग के शुभ प्रभाव में आने वाले धर्म कर्म मे बहुत विस्वास करते है।
10 :- कुंडली के दसवें घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक को उसके व्यवसायिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करवाता है व सरकार से उच्च पद ऐसे जातक मंत्री विद्यायक व् सरकारी नोकरी मे उच्च पद पर आसीन होने के पूर्ण योग होते है।
11 :- कुंडली के ग्यारहवें घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक जातक को बहुत लाभ देता है। लाभ स्थान का बुध आदित्य योग भी सरकार से फायदा या सरकारी नोकरी दिला देता है। ऐसे जातकों के आय के कई स्रोत्र बन होते है।
12 :- कुंडली के बारहवें घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक को विदेशों में सफलता, जातक को आलसपन भोगविलास मे रूचि कम और और पिता के सुख मे कमी ऐसा जातक जीवन मे रिस्क लेने से भी नहीं घबराता है।

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